कुछेक अशआर :-
डूबने से बचा रहा है मुझे
कोई साहिल प ला रहा है मुझे।
एक दरिया है मेरी आँखों में
एक सहरा बुला रहा है मुझे।
रूह से जिस्म मुतमइन है तो
ख़ुद प रोना क्यूँ आ रहा है मुझे।
वस्ल के वक़्त तो मैं तुझमें था
हिज्र दुनिया में ला रहा है मुझे।
मेरे जैसी सदाएँ लगती हैं
कोई मुझसा बुला रहा है मुझे।
#@रघुनंदन शर्मा "दानिश"@#
Raghunandan Sharma Danish
Raghunandan Sharma Danish
डूबने से बचा रहा है मुझे
कोई साहिल प ला रहा है मुझे।
एक दरिया है मेरी आँखों में
एक सहरा बुला रहा है मुझे।
रूह से जिस्म मुतमइन है तो
ख़ुद प रोना क्यूँ आ रहा है मुझे।
वस्ल के वक़्त तो मैं तुझमें था
हिज्र दुनिया में ला रहा है मुझे।
मेरे जैसी सदाएँ लगती हैं
कोई मुझसा बुला रहा है मुझे।
#@रघुनंदन शर्मा "दानिश"@#
Raghunandan Sharma Danish
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