मान्यवर मित्रों ,लो क्ल लो बात ...मेरे दिल से निकले नए भाव ... आपके साथ साँझा कर रहा हूँ ...छोड़ दे नशा ...नई इबादत लिख दे ....नशे की आड़ में गुनाह होते देखें हैंफिर जीवन भर अपने आह ढ़ोते देखें हैंनशे की गिर्रफत में होने का कारण तो बताछोड़ दे नशा एक नया वातावारण बनाकर नशा गर करना तो किसी अच्छी चीज़ कातरेगा जीवन गर पीया अमृत सहित्य बीज कालिखना हैं तो लिख दर्द जवानी कादूसरों के ज़ुल्मों की मनमानी कानशा तो नाश और रास्ता उदास हैलेकिन जीवन में फिर भी आस हैंछोड़ नशा खेल अपनी तकदीर सेलिख अपनी नई कहानी अपनी तदबीर सेनशा कर खुलकर तू देश भक्ति रानी कागर्व कर पूरा अपना होने हिन्दुस्तानी काबदल देश की तस्वीर अपने नेक इरादों सेछीन दुख दर्द दुनियां के सच्चे वादों सेभर दे रंग नए नई तिज़ारत लिख देछोड़ दे नशा नई इबादत लिख देछोड़ दे नशा .......आपका अपना ,वीरेन्द्र कौशल
शनिवार, 4 जनवरी 2020
Re: chhod de nasha.....poem
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