मान्यवर मित्रों ,लो क्ल लो बात ......बेटियां वो परिन्दे हैं ज़िनके पर नहीं होतेकहने को ठिकाने दो मगर घर नहीं होतेबेटे माने नीव सदा और बेटियां कमजोर कड़ीबेटे बांटे जमीन बेटियां दर्द में पास खड़ीसिक्का एक पेहलू दो कभी जाना मेरे दोस्तदिवारें चाहे कितनी बिन इनके पूरे घर नहीं होतेबेटियां वो परिन्दें .......कलाई का बंधन ये अटूट हैं ज़िनका विश्वासरहती सदा अंगसंग खुशियां लिए अपनें साथचाहे कितनी रहे दूर कभी समझा इन्हें प्यारेयह ऐसे रिश्ते हैं जिन में ड़र नहीं होतेबेटियां वो परिन्दे .......प्यार से जीते जग सारा ये लक्ष्मी रूपममतामयी मुरत हमें लगने न दे कभी धूपस्वारें जीवन को सदा सोचा कभी क्या तुमनेकितनी कठिन रहे परिस्तिथियां हौंसले कम नहीं होतेबेटियां वो परिन्दें ....आपका अपना ,वीरेंद्र कौशल
शनिवार, 4 जनवरी 2020
Re: betian voh prindey......
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