उम्र आधी बित गई तो क्या ?
मोहब्बत उम्र की मोहताज़ नही !
मुझे तो करनी है मोहब्बत फिर से,
वही लड़कपन वाली !
वही आधी रात को उठना,
तुम्हारे ख्यालों का ज़हन में आना,
पूरे चाँद को ताकना,
सितारों के टूटने का इंतज़ार ,
दुवा कुबूल हो, आमीन कहे कोई,
और मिल जाये बंद किताबों में,
तुम्हारा दिया, खोया सूखा गुलाब ,
महकता...!
इत्र की खुसबू जो डाली थी तुमने,
महकता आज भी वैसा ही है,
वो लड़कपन वाला
पहला प्यार !
उम्र के दायरे, चेहरे की झुर्रियों तक सिमित हैं,
प्यार का पंछी, कहाँ कैद रहता है दायरों में !
चलो ना, रात उठ कर तकते हैं चाँद को,
और करते हैं वही,
लड़कपन वाला पहला प्यार !
मैं, तुम और आधी रात !
तारों के टूटने का इंतज़ार...
उम्र आधी बीत गयी तो क्या ?
चलो ना, करते हैं...
वहि पुराना, पहला प्यार ...।
डिम्पल शर्मा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे
भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400