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मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

जीतेन्द्र कानपुरी की कविता - भारतीय पुलिस .....

भारतीय पुलिस के उत्साह के लिए मेरी पंक्तियां - 

हमको है रातों में ,दम से सोने की बीमारी ।
जाग रही है मगर देश में, पुलिस हमारी ।।
तब काहे की चिंता, जय जयकार करो ।
कानून व्यवस्था अच्छी है ,स्वीकार करो ।।

रातों में पहरे है देती, सब कुछ उसके ध्यान में ।
उसे पता है कौन है, अपराधी उसके संज्ञान में ।।
तोड़ तोड़के कुचल कुचल के,अधमरा कर देती है।
जिसने पुलिस किनहीं सुनी,क्रिया कर्म कर देती है।।

हूटर वाली गाड़ी, आती है अब सारी ।
देखकर लाल नीली बत्ती, टिकते नहीं जुआरी ।।
अच्छा है बिन भय के, अब जीते हैं व्यापारी ।
क्योंकि भारत देश में, चल रहा प्रशासन भारी ।।

अच्छा है स्वच्छ करो, भारत को पवित्र करो ।
छोटा हो या बड़ा ,अपराधी को बंद करो  ।।
एक ही बात आती है, बस मेरे अब ध्यान में ।
कानून व्यवस्था अच्छी है, मेरे हिंदुस्तान में ।।
लेखक कवि एवं गीतकार -
 जीतेन्द्र कानपुरी (टैटू वाले)
9118837179

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