_*नारी-पुरूष मैत्री संदेह के घेरे में है*_
एक बार की बात है एक शहर में नवविवाहित जोड़ा(दीपक और रेनू) रहने आया ।
उन्होंने प्रेम विवाह किया था परिवार की सहमति से ।
नया शहर, नए लोग, नया परिवेश तो दीपक की दोस्ती उसके हम उम्र व्यक्ति(मनोज) से हुई जो उसके पड़ोस में रहता था जिसकी पत्नी का नाम शालिनी था। शालिनी बहुत ही साधारण महिला थी..
कुछ सालों तक सब कुछ ठीक रहा मनोज का दीपक के घर और दीपक का मनोज के घर आना जाना होता था ।
मनोज थोड़ा अंदर से मनचले स्वभाव का था ये बात शालिनी को पता नहीं थी.... तो वो रेनू के करीब आने की हर तरह की कोशिश करता था ।
मनोज का करीब आना रेनू को अच्छा लगने लगा क्योंकि मनोज काफी चुपड़ी चुपड़ी बातें करता था। रेनू की खूबसूरती को शायरियों, कविता में ढालता था ।
मनोज का विपरीत था दीपक, उसे शायरियों का शौक नहीं था।
मनोज का दीपक के घर आना जाना बहुत हो गया था क्योंकि रेनू मनोज की दोस्ती बहुत गहरी हो चुकी थी।
मनोज भलीभांती जानता था कि वो जो कर रहा है सब कुछ अनुचित है मगर उसने ठान लिया था कि अब रेनू के साथ अपने अनुचित सम्बन्ध बनाएगा।
उसने रेनू के सामने अपने झूठे प्यार का इकरार किया और बहलाने की कोशिश की तो रेनू सहम गई क्योंकि उसने दीपक के सिवा कभी किसी को दिल में जगह नहीं दी रेनू मनोज के साथ बस मैत्री सम्बन्ध तक रहना चाहती थी जिससे उसके और दीपक के रिश्तें पर कोई आँच न आए.....
अब तक इस बात का दीपक को कुछ भी पता नहीं था। मनोज के बार बार दबाव बनाने पर रेनू ने डरते डरते सारी बात दीपक को बताई।
और दीपक ने योजना के तहत पुलिस की सहायता लेकर मनोज को पुलिस पकड़वा दिया और इस प्रकार रेनू ने खुदको और अपने रिश्ते को बचा लिया।
अक्सर बहुत बार बहुत सी महिलाएं ऐसी मैत्री सम्बन्ध बनाकर रेनू जैसा फैसला न लेकर उनसे गलत सम्बन्ध बना लेती है और अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेती है। *कुछ इस वजह से भी नारी-पुरूष मैत्री संदेह के घेरे में है......*
#पारस_शायर
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