महबूबा मुफ्ती रूठ गयी सरकार वहां की टूट गयी
इतने दिन तक कहर ढहाया कर सैनिक पर बार
आज क्यों टूट गयी सरकार -------
साढे तीन साल तक जमकर सिर फूटे थे सेना के
महबूबा की शाजिस से ही हाथ बधे थे सेना के
काश्मीर की उस वादी में खेल चला सरकारों का
पी डी पी ने जमकर देखो साथ दिया गद्दारों का
आतंकी बुरहान मरा जमकर रोयी सरकार
आज क्यों--------------------------------------
गोगोई जमकर बरसे थे हिल गये पत्थर बाज सभी
हाथ खुले होते मेजर के मिट जाते गद्दार सभी
औरंगजेब और सिराज बुखारी मार दिये गद्दारों ने
तब जाकर गठबंधन तोडा दिल्ली के दरबारों ने
महबूबा ने हिला के रख दी बी जे पी सरकार
आज क्यों -----------------------------
तीन सौ सत्तर पैंतीस एक पर बात नहीं क्यों बन पाई
गठबंधन के इस कूकर में दाल नही क्यों गल पायी
हमको जुमले मिले सदा ही सदा दिखाया झांसा है
सत्ता को ही हथियाने की रही सदा परिभाषा है
किस पर करे भरोसा जनता निकले सभी मक्कार
आज क्यों टूट गयी सरकार -------
इतने दिन तक कहर ढहाया कर सैनिक पर बार
आज क्यों टूट गयी सरकार -------
साढे तीन साल तक जमकर सिर फूटे थे सेना के
महबूबा की शाजिस से ही हाथ बधे थे सेना के
काश्मीर की उस वादी में खेल चला सरकारों का
पी डी पी ने जमकर देखो साथ दिया गद्दारों का
आतंकी बुरहान मरा जमकर रोयी सरकार
आज क्यों--------------------------------------
गोगोई जमकर बरसे थे हिल गये पत्थर बाज सभी
हाथ खुले होते मेजर के मिट जाते गद्दार सभी
औरंगजेब और सिराज बुखारी मार दिये गद्दारों ने
तब जाकर गठबंधन तोडा दिल्ली के दरबारों ने
महबूबा ने हिला के रख दी बी जे पी सरकार
आज क्यों -----------------------------
तीन सौ सत्तर पैंतीस एक पर बात नहीं क्यों बन पाई
गठबंधन के इस कूकर में दाल नही क्यों गल पायी
हमको जुमले मिले सदा ही सदा दिखाया झांसा है
सत्ता को ही हथियाने की रही सदा परिभाषा है
किस पर करे भरोसा जनता निकले सभी मक्कार
आज क्यों टूट गयी सरकार -------
राजेश मिश्र "प्रयास"
बीसलपुर (पीलीभीत)
बीसलपुर (पीलीभीत)
जय जय
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