लो क्ल लो बात ...एक बार फिर ताज़ा अल्फाज़ सहारे .... आप के द्वारेमेहनत कर और रोजी कमाखुश रह हर त्योहार मनाहर त्योहार अपार खुशीयाँ देतागरीब का पेटा भर देतायही है सब की पुंजीहर सफलता की खालिस कुंजीकर भला और फिर भूलजाचाहे कोई ख़ुशी फिर गुनगुनामेहनत कर .......खुश रह हर ......आचरण खातिर बनवास भी प्यारासीताहरण कारण विद्वान भी मारासदा भाईयों संग बांटा प्यारत्याग खातिर सदा रहे तैयारसंस्कारों को सदा सार्वोपरि मानाफिर चाहे होली -दीपवली साथ मनामेहनत कर .......खुश रह हर .......सदा अपनो ही सहारे जीतन कोई दुशमन सारे मीतझूठ फरेब अपवाद से बचईमानदारी विश्वास ही केवल सचसभी संग अपना व्यवहार जताफिर चाहे मोहर्ररम ईद मनामेहनत कर .....खुश रह हर .....सवा लाख से एक लड़ायाअपने शेहजादों को भी चिनवायासदा खुशहाली खातिर विनती कीतीनहीं बखारी अपनी आप बीतीगैरों खातिर दिया लंगर लगाफिर चाहे शहीदीदिवस गुरूपर्व मनामेहनत कर .....खुश रह हर .....सच्चाई खातिर सूली पर चढ़नहीं कबूला कभी दूसरा गढ़प्रेम संदेशा ही दिया हर लम्हांकभी संता बन दिये उपहारमन में धारा सदा उपकारफिर चाहे गुड-फराईड़े क्रिसमस मनामेहनत कर .....खुश रह हर .....कभी न कर नीयत खोटीहर मेहनत पर मिले रोटीनीयत साफ तो डर नहींकोई भी एक आडम्बर नहींसदा सभी का चाह भलाफिर चाहे कोई उत्सव मनामेहनत कर .....खुश रह हर .....आपका अपना ,वीरेन्द्र कौशल
शनिवार, 4 जनवरी 2020
New poem MEHNAT KAR...ROZI KMA. ...
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किसी का कोई अपना ....... किसी का कोई अपना गुज़र जाने के बाद शहर में प्रतिष्ठान और बाज़ार और कई बार राजनैत...
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Re: chhod de nasha.....poemJan 04, 2020
मान्यवर मित्रों , लो क्ल लो बात ... मेरे दिल से निकले नए भाव ... आपके साथ साँझा कर रहा हूँ ......
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Re: betian voh prindey......Jan 04, 2020
मान्यवर मित्रों , लो क्ल लो बात ...... बेटियां वो परिन्दे हैं ज़िनके पर नहीं होते ...
- वीरेन्द्र कुमार
Jaagte rahiyeJan 04, 2020
मान्यवर मित्रों , लो क्ल लो बात .... चैंन की नींद सोना है तो जागते रहिये ..... कौन कहता है कि&n...
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