विवेक मिश्र 'राज़'
2:12 am
मुहब्बत ग़ज़ल संग्रह में विवेक राज मिश्र की कुछ ग़ज़लें
ग़ज़ल 1
बह्र- 122 122 122 122
काफ़िया - इल
रदीफ़ - रही है
हमारी तुम्हारी नज़र मिल रही है ।
तभी ज़िन्दगी फूल सी खिल रही है ।।
भरोसा करो...
प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर भेजें.