शीर्षक - वीरों की कुर्बानी का बदला ले लेंगे हम -------
ये ना समझो भूल गए ,
याद है हमें सब ।
बीरो की कुर्बानी का ,
बदला ले लेंगे हम ।।
देश में जो आंच आयी ,
सुन लो चीन वालों ।
तुम्हे तिनका समझ के ,
बरबाद कर देंगे हम ।।
छल से कपट से ,
खेल जो खेला है ।
ये घिनौना खेल तो ,
हम भी खेल सकते है ।।
मगर मेल भाव ,
चाहते हैं हम सब ।
इसलिए वसुदेव ,
कुटुंबकम् बोलते है ।।
कोई हस्ती नहीं जो,
भारत को परास्त करें ।
सुन लो विदेशियों ,
हेकड़ी मिटा देंगे ।।
उतर जो आए ,
हम अपने पे भारत वाले ।
एक पल में तुम्हारी
धज्जियां उड़ा देंगे ।।
और सुनो सीना ,
फाड़ देंगें हम ।
आपके देश में ,
झंडा गाड़ देंगे ।।
तुमने तो मारे है ,
कुछ ही जवान ।
हम आ गए तो पूरा ,
देश ही उजाड़ देंगें ।।
कवि एवं गीतकार-
जीतेन्द्र पुरी (टैटू वाले )
(वीर रस पर आधारित कवि कि दमदार पंक्तियां)
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