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शनिवार, 25 जुलाई 2020

कविता - "सुनो किसानी करने वालो" - जीतेन्द्र कानपुरी

जीवन की पद्धति को
समझना बहुत जरूरी है ।
अगर चाहते हो सुख सुविधा 
तो बदलना बहुत जरूरी है ।।
बिन बदलाव पुरानी
 चर्चाओं से क्या होगा ।
बच्चों की उन्नति के खातिर
 मर मिटना बहुत जरूरी है ।।

खून पसीना बहाने से 
केवल पेट नहीं भरेगा ।
सोचो सोचो तुम भी सोचो
अकल से चलना बहुत जरूरी है ।।
अगर चाहते हो तुम 
दुनिया भर की दौलत ।
ख्वाबों के सागर में 
उड़ना बहुत जरूरी है ।।

सुनो किसानी करने वालो
बच्चों को पढ़ा देना ।
तुम तो आगे बढ़ नहीं पाए 
मगर उन्हें ही बढ़ा देना ।।
क्योंकि वर्तमान में 
स्थितियां बदल रही है ।
किसानों और मजदूरों की
ऐसी तैसी हो रही है ।।

तुमको भी उनसे अब
आगे बढ़ना बहुत जरूरी है ।
अगर आदमी हो तो 
दमखम रखना बहुत जरूरी है ।।
क्योंकि हल बक्खर से 
 काम नहीं चलेगा बन्धु ।
अगर चाहते हो बदलाव
शिखर में चढ़ना बहुत जरूरी है ।।
लेखक एवं राष्ट्रीय कवि -
जीतेन्द्र पुरी (टैटू वाले)
9118837179

(लेखक ने देश के किसान को अपनी कविता के माध्यम से  जागरूक किया है )

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