रोज - रोज तेल के भाव चढ़ रहे।
सियासत में तूफान भी मच रहे।।
विपक्ष के नेता हाहाकार कर रहे।
जनता के प्रदर्शन रोज ही हो रहे।।
आने वाले अब अगले चुनाव पास है।
तेल जैसे मुद्दे भी बने आज खास है।।
सत्ताधारी व विपक्ष दोनों ही हैरान है।
जनता का जीतना सबको विश्वास है।।
पेट्रोल डीजल आम जन की जरूरत है।
ये महँगे तो जन जीवन अस्त व्यस्त है।।
जनता के सामने किस मुँह जाये नेताजी।
देश की मंहगाई से आम जनता त्रस्त है।।
बढ़ती तेल कीमतों पर नियंत्रण कीजिये।
वरना अगले चुनाव में हार मान लीजिए।।
जनता से झूंठे वादे अब तो मत कीजिये।
पढ़ी लिखी जनता को सुविधाएं दीजिए।।
कवि राजेश पुरोहित
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