कवितायें
6:36 am
जो कहते हिन्दी मन की अभिव्यक्ति नहीं कर पाती - आदित्य तोमर
जो कहते हिन्दी मन की अभिव्यक्ति नहीं कर पाती
लंगड़ी है बैसाखी बिन यह शक्ति नहीं भर पाती
हिंदी पर आरोप लगाते हैं मिश्रित भाषा के
झूठे-झूठे दाग थोपते अक्षम...
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