पेडों को खूब लगाओ
भूमि से सोना उगाओ
पर्यावरण स्वच्छ हो
बीमारी से मुफ्त तन ।
नदी में दवा न छोडों
पेडों का दोहन रोकों
धरा पर फूल खिलें
शुद्ध हो मानव मन ।।
मलबा डालों खेतों में
कूडा न फेंक नालों में
दूषित जल से रोग
जल सदुपयोग कर ।
जीवन है जीना होगा
वन को बचाना होगा
जागरुक बन अब
प्रकृति की रक्षा कर ।।
विकास भारद्वाज "सुदीप"
9627193400 21/04/2017
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