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शनिवार, 22 अप्रैल 2017

◆ जलहरण-घनाक्षरी ◆ विश्व पृथ्वी दिवस

पेडों को खूब लगाओ
भूमि से सोना उगाओ
पर्यावरण स्वच्छ हो
बीमारी से मुफ्त तन ।
                              नदी में दवा न छोडों
                              पेडों का दोहन रोकों
                              धरा पर फूल खिलें
                              शुद्ध हो मानव मन ।।
मलबा डालों खेतों में
कूडा न फेंक नालों में
दूषित जल से रोग
जल सदुपयोग कर ।
                              जीवन है जीना होगा
                              वन को बचाना होगा
                              जागरुक बन अब
                              प्रकृति की रक्षा कर ।।

विकास भारद्वाज "सुदीप"
9627193400               21/04/2017

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