.. के एक दूसरी बुज़ुर्ग अम्मा जंगल आई है। चलो इन से पूछते हैं के कोन सा मौसम अच्छा है और कोन सा बुरा.. पहले सर्दी गई और उसने पूछा के अम्मा सर्दी का मोसम कैसा है हुस्ना अम्मा ग़ुस्से से बोली सर्दी का भी कोई मोसम है हर वक़्त नज़ला ज़ुकाम और खांसी, कांपते और धूझते रहो.. दांत बजने लग जाते हैं, सलीम के अब्बा को सर्दी में ही हवा (फ़ालिज,पेरालाईसिस) पड़ी थी,चल चल दूर हट। सर्दी नाराज़ होकर वापस चली गई। हुस्ना अम्मा के पास अब गर्मी पहुंची और सलाम कर के पूछा अम्मा गर्मी का मोसम कैसा है..अम्मा बड़बड़ाते हुई बोली गर्मी में तो बस परेशानी ही परेशानी है.. बदन जलने लगता है हर वक़्त पसीना पोंछते रहो,रात को मच्छर सोने भी ना देवें हैं,कभी दूध फट जावे तो कभी सालन ख़राब हो जावे है..नदी तालाब सूख जाने से पानी की क़िल्लत..गर्मी तो अज़ाब होवे है। गर्मी मूंह बनाती हुई वापस चली गई। अब अम्मा के पास बरसात पहुंची और पूछा के अम्मा बरसात का मोसम कैसा है..हुस्ना अम्मा बोली बरसात का मतलब हर तरफ़ कीचड़ कीचड़ है, कभी छत टपक रही है तो कभी घर में पानी घुसा चला आवे..कभी ख़बर आवे है के फ़लां गांव बाड़ में घिर गया तो फ़लां गांव बह गया। पिछली बरसात में ही रसूलपुर में बहुत से लोग बाढ़ में बह गए थे। चल भाग यहां से कमबख़त मारी।
.. के एक दूसरी बुज़ुर्ग अम्मा जंगल आई है। चलो इन से पूछते हैं के कोन सा मौसम अच्छा है और कोन सा बुरा.. पहले सर्दी गई और उसने पूछा के अम्मा सर्दी का मोसम कैसा है हुस्ना अम्मा ग़ुस्से से बोली सर्दी का भी कोई मोसम है हर वक़्त नज़ला ज़ुकाम और खांसी, कांपते और धूझते रहो.. दांत बजने लग जाते हैं, सलीम के अब्बा को सर्दी में ही हवा (फ़ालिज,पेरालाईसिस) पड़ी थी,चल चल दूर हट। सर्दी नाराज़ होकर वापस चली गई। हुस्ना अम्मा के पास अब गर्मी पहुंची और सलाम कर के पूछा अम्मा गर्मी का मोसम कैसा है..अम्मा बड़बड़ाते हुई बोली गर्मी में तो बस परेशानी ही परेशानी है.. बदन जलने लगता है हर वक़्त पसीना पोंछते रहो,रात को मच्छर सोने भी ना देवें हैं,कभी दूध फट जावे तो कभी सालन ख़राब हो जावे है..नदी तालाब सूख जाने से पानी की क़िल्लत..गर्मी तो अज़ाब होवे है। गर्मी मूंह बनाती हुई वापस चली गई। अब अम्मा के पास बरसात पहुंची और पूछा के अम्मा बरसात का मोसम कैसा है..हुस्ना अम्मा बोली बरसात का मतलब हर तरफ़ कीचड़ कीचड़ है, कभी छत टपक रही है तो कभी घर में पानी घुसा चला आवे..कभी ख़बर आवे है के फ़लां गांव बाड़ में घिर गया तो फ़लां गांव बह गया। पिछली बरसात में ही रसूलपुर में बहुत से लोग बाढ़ में बह गए थे। चल भाग यहां से कमबख़त मारी।
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