हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

गुरुवार, 4 जुलाई 2019

ग़ज़ल :- जीवन का सफर यूँ ही कट जाएगा

हँसते रहो सबको खूब हंसाते रहो।
जिंदगी में हर पल मुस्कराते रहो।

जीवन का सफर यूँ ही कट जाएगा,
स्वर ताल व लय से गुनगुनाते रहो।

कल कहाँ होंगे हमें कुछ नही पता,
सब के दिल में जगह बनाते रहो।

ये जिंदगी क्या खबर कब तक रहे,
मिल जुलकर वक़्त बिताते रहो।

जिंदगी में गम बहुत फिक्र न कर,
ग़मों के पलों को सब भुलाते रहो।

बीते हुए इन लम्हों को याद रखना,
डायरी में यादों को सजाते रहो।

मन में हो लगन कामयाब होंगे जरूर,
निरतंर कदम से कदम बढ़ाते रहो।








सुमन अग्रवाल "सागरिका"
     आगरा (यू.पी)
         स्वरचित

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे

भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.