हँसते रहो सबको खूब हंसाते रहो।
जिंदगी में हर पल मुस्कराते रहो।
जीवन का सफर यूँ ही कट जाएगा,
स्वर ताल व लय से गुनगुनाते रहो।
कल कहाँ होंगे हमें कुछ नही पता,
सब के दिल में जगह बनाते रहो।
ये जिंदगी क्या खबर कब तक रहे,
मिल जुलकर वक़्त बिताते रहो।
जिंदगी में गम बहुत फिक्र न कर,
ग़मों के पलों को सब भुलाते रहो।
बीते हुए इन लम्हों को याद रखना,
डायरी में यादों को सजाते रहो।
मन में हो लगन कामयाब होंगे जरूर,
निरतंर कदम से कदम बढ़ाते रहो।
सुमन अग्रवाल "सागरिका"
जिंदगी में हर पल मुस्कराते रहो।
जीवन का सफर यूँ ही कट जाएगा,
स्वर ताल व लय से गुनगुनाते रहो।
कल कहाँ होंगे हमें कुछ नही पता,
सब के दिल में जगह बनाते रहो।
ये जिंदगी क्या खबर कब तक रहे,
मिल जुलकर वक़्त बिताते रहो।
जिंदगी में गम बहुत फिक्र न कर,
ग़मों के पलों को सब भुलाते रहो।
बीते हुए इन लम्हों को याद रखना,
डायरी में यादों को सजाते रहो।
मन में हो लगन कामयाब होंगे जरूर,
निरतंर कदम से कदम बढ़ाते रहो।
सुमन अग्रवाल "सागरिका"
आगरा (यू.पी)
स्वरचित
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