जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा।
चिंता की तपन में जलते रहे हम,
दर्द-ए-हाल दिल का भुलाना पड़ेगा।
तेरे मेरे प्यार के चर्चे पूरे शहर में,
अब मम्मी-पापा को मनाना पड़ेगा।
चाहत की लौं कुछ ऐसी लगी कि,
शान-ए-शोहरत दिखाना पड़ेगा।
तेरे नाम की मैं सुंदर मेंहदी रचाऊँ,
पलकों को झुकाकर शर्माना पड़ेगा।
आईने में देख अपना अक्स निहारुँ,
चेहरे पर हँसी, मुस्कराना पड़ेगा।
बातों-बातों में तुम रुठ जाते कभी,
रुठे दिल को मनाऊँ हँसाना पड़ेगा।
तेरी वफाओं के चर्चे मेरी जुबां पर,
तेरे बिन जी न पाऊँ बताना पड़ेगा।
मेरे लवों पर बस तेरा ही नाम है,
तुम्हें अपने दिल में बसाना पड़ेगा।
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सुमन अग्रवाल "सागरिका"
आगरा (यू.पी.)
स्वरचित
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बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
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