मुक्तक- जीवन एक चुनौती
जीवन भर लक्ष्य चुनौती रहता है
जीवन दुखमय गागर मे रहता है
मंजिल मिल जाये संघर्ष करने से
जीवन सुखमय सागर में बहता है
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
9627193400 1 मार्च 2017
जीवन भर लक्ष्य चुनौती रहता है
जीवन दुखमय गागर मे रहता है
मंजिल मिल जाये संघर्ष करने से
जीवन सुखमय सागर में बहता है
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
9627193400 1 मार्च 2017
जब आंगन में गौरैया चहचहाहट से लुभाती है
प्यारी गौरैया फ़ुदक-फ़ुदक मन को सुहाती है
सब मिलकर गौरैया और बिटिया को बचाओ
जब नन्हीं गौरैया तिनकों का जाल बिछाती है
सबसे नज़र चुरा फ़ुदक कर दाना उठाती है
प्यारी गौरैया सब बच्चो के मन को भाती है
ये नन्ही चिड़िया धीरे-धीरे गायब होने लगी
प्यारी गौरैया कच्चे घर में घोंसला बनाती है
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
20 मार्च 2017
महफिल ए यार में देख हमें इशारा करती हो
सबसे नजर बचा आँखो से गवारा करती हो
मुझको छुपकर देखना तेरा बदनाम न कर दे
हमसे क्यू रूठ कर खुद से किनारा करती हो
©कवि विकास भारद्वाज "सुदीप"
05/03/2017
जब शबनमी आँखो मे वो काजल लगाती है
ना जाने कितने आरमाँ वो दिल में जगाती है
कंलक लगे ना आँचल पर यूही वफा निभाना
सदा पास है वो मुझको ये एहसास कराती है
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
10/03/2017
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