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बुधवार, 15 अप्रैल 2020

12:53 am

ग़ज़ल :- मुझे कहते रिश्ता निभाना भी है - खुशबू जैन

मुझे कहते रिश्ता निभाना भी है।
मगर दिल मेरा फिर दुखाना भी है।।

हुनर मुझको खोने का उसमे नहीं
मुझे छोड़कर उसको जाना भी  है।।

मुझे कहते हैं प्यार करता तुम्हें
मगर क्यों हमें आज़माना भी है।।

समझना जरूरी है जज्बात भी
अगर रूठे को फिर मनाना भी है।।

मेरी आँखों से नींद ले क्यों गए
क्या ऐसे ही दिल को सताना भी है।।

नहीं मुझमें हिम्मत कि सच बोल दूं
मगर तुमको सच तो बताना भी है।।

खुशबू

12:51 am

ग़ज़ल :- मेरे दिल में ये मुहब्बत सी खिली जाती है - खुशबू जैन

मेरे दिल में ये मुहब्बत सी खिली जाती है।
तेरे आने की जो उम्मीद जगी जाती है।।

हिज़्र में आपकी यूँ हाल हुआ है दिलबर
दिल तड़पता है मेरा, सांस रुकी जाती है।।

जानती हूँ नहीं तुम पास मेरे आओगे
मेरी उम्मीद तुम्हारी ही गली जाती है।।

पूछने आओगे क्या हाल है तुम्हारे बिन
मेरी आँखें तुम्हारी राह तकी जाती है।।

दूर "खुशबू" से तुम हुए को क्यों बताओ न
और तन्हाई मुझसे अब न सही जाती है।।

खुशबू
12:50 am

ग़ज़ल :- जमाने से खुद को बचाना भी है - खुशबू जैन

जमाने से खुद को बचाना भी है।
मगर आगे बढ़कर दिखाना भी है।।

भले फिक्र कल की बहुत है मगर
हरेक पल को हँसकर बिताना भी है।।

बुराई भी मिलनी ज़रूरी यहाँ
अगर तारीफों को जो पाना भी है।।

मुकद्दर से उम्मीदें रखते हो क्यों
कि कर्मों से भाग्य बनाना भी है।।

संभालो इसे ये जो जीवन मिला
तुम्हें तारों में चमचमाना भी है।।

डरे हम नहीं आंधियां कितनी हो
कि तूफानों में मुस्कुराना भी है।।

तेरा नाम "खुशबू" न रखा यूँ ही
फ़िज़ा में तुम्हें महक जाना भी है।।

खुशबू 

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

5:23 am

ग़ज़ल :- तिरी दामन बचाने की ये आदत भी अदावत है - प्रदीप ध्रुव


वज़्न-1222-1222-1222-1222-मफाईलुन, मफाईलुन, मफाईलुन, मफाईलुन
***   ****   ****   ***   **  **
तिरी दामन बचाने की ये आदत भी अदावत है।
मिला कर जोर से खुलकर तिरी ही बादशाहत है।-01
*
नहीं ले कुछ भी आया है न ले कर कुछ भी जाएगा,
जिया कर बादशाहों की तरह ये ही इबादत है।-02
*
बहुत मसले जहां में हैं न इनकी तू वकालत कर,
मसीहा बन यतीमों का दुआओं से ही राहत है।-03
*
यहीं ज़न्नत यहीं दोज़ख़ किया महसूस जो हमने,
हंसाया कर किसी भी शख़्स की ये ही तो चाहत है।-04
*
नहीं इंसानियत का इल्म भी हांसिल किया जिसने,
यकीं माने खुदा के इस जहां की ये ख़िलाफत है।-05
*
न सीरत और सूरत हो भले,ईमान हो कायम,
अगर ईमान कोसों दूर हट जाती क़यामत है।-06
*
जियें खुलकर सुखनवर की यही तो है निशांदेही,
हंसी चहरा इरादे नेक ही सच्ची अमानत है।-07
***
★★★  ★★★  ★★★  ★★
स्वरचित,कापीराइट,ग़जलकार,
प्रदीप ध्रुवभोपाली,भोपाल,म.प्र.
दिनाँक.08/01/2020
मो.09589349070
★★★  ★★★  ★★★  ★★

5:22 am

ग़ज़ल :- हवाले आग के गफलत में करते जा रहे वो - प्रदीप ध्रुव


वज़्न-1222-1222-1222-122
मफाईलुन, मफाईलुन, मफाईलुन, फऊलुन.
***
हवाले आग के गफलत में करते जा रहे वो।
न हो जाएं खुदी नीलाम डरते जा रहे वो।-01
*
अमन की बात करते वो रहे दिल बेरहम रख,
समझ आया हमारे अब हैं फंसते जा रहे वो।-02
*
वहां रख माल होना चाहते क़ाबिज कहीं पे,
सिकंदर की अदाकारी में ढलते जा रहे वो।-03
*
किसी की हैंसियत पर अश्क़  ये अच्छा न होगा,
उन्हीं के खंदकों में आज धंसते जा रहे वो।-04
*
किसी के दौर की बातें मुनासिब तो नहीं अब,
गिराने की है ख़्वाहिश खुद ही गिरते जा रहे वो।-05
*
तमन्ना ये हिला डालें जहां करते मुक़र्रर,
खुदी की हरक़तों में आज घिरते जा रहे वो।-06
*
अदाकारी समझ में आ रही "ध्रुव" की सभी के,
करेंगे चोंट गुपचुप आज,कहते जा रहे वो।-07
*
***   ****   ****  ***  ***  **
स्वरचित,कापीराइट,ग़ज़लकार,
प्रदीप ध्रुवभोपाली,भोपाल,म.प्र.
दिनाँक.09/01/2020
मो.09589349070
***  ****  ****  ***  ***  ****
5:21 am

ग़ज़ल :- खुशी का कोई लम्हा याद रखना है - प्रदीप ध्रुव


वज़्न-1222-1222-1222,
मफाईलुन, मफाईलुन, मफाईलुन.
****  ***  ***  ***  ***  ****
खुशी का कोई लम्हा याद रखना है।
नहीं दिल में कोई फ़रियाद रखना है।-01
*
खुशी के और भी मौके मिलें शायद,
अमानत यार की आबाद रखना है।-02
*
कहीं पे डूबकर यादें सहेजेगे,
हमारी दोस्ती नाबाद रखना है।-03
*
भले हो गैर पर इतना मगर करना,
करे नेकी तो दिल से दाद करना है।-04
*
ख़बर मनहूसियत की ना सुनाए वो,
वज़ह ये है उसे तो शाद करना है।-05
*
सुखाकर खूं वो लिखता शायरी इससे,
हमारा फ़र्ज़ है इरशाद करना है।-06
*
शहीदी का जिसे जामा मिला होगा,
तहेदिल से कि ज़िंदाबाद करना है।-07
***
★★★  ★★★  ★★★  ★★
स्वरचित,कापीराइट,ग़ज़लकार,
प्रदीप ध्रुवभोपाली,भोपाल,म.प्र.
दिनाँक.09/01/2020
मो.09589349070
★★★  ★★★  ★★  ★★★
5:19 am

ग़ज़ल :- रूबरू ना मिल सकें तो काल होना चाहिए - प्रदीप ध्रुव


वज़्न-2122-2122-2122-212
अर्कान-फाइलातुन,फाइलातुन
,फाइलातुन,फाइलुन
***   ***   ***  ***   ***   ***
रूबरू  ना  मिल  सकें  तो काल होना चाहिए।
बात का इक सिलसिला हर हाल होना चाहिए।-01
*
हाय कोई शख़्स कैसे यार बिन भी रह सके।
दौर लम्बा गर चले बदहाल होना चाहिए।-02
*
हो रक़म ज़्यादा भले कम फ़र्क इससे है नहीं,
इश्क़ 
पर मुहब्बत से नहीं कंग़ाल होना चाहिए।-03
*
चाहतें हो ग़र किसी से तो चले फिर सिलसिला,
ग़र न मुमकिन इश्क़ का ये जाल होना चाहिए।-04
*
मानिए भी यार है पर दूरियां भी वो रखे,
हरक़तें ये आंख अपनी लाल होना चाहिए।-05
*
ये उन्हें पैगाम है "ध्रुव" दूरियां ही अब रखें,
ये न कोई दोस्ती जंजाल होना चाहिए।-06
***   ***   ***
★★★★★★★★★★★★
स्वरचित,कापीराइट,ग़ज़लकार,
प्रदीप ध्रुवभोपाली,भोपाल,म.प्र.
दिनाँक.12/01/2020
मो.09589349070
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