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बुधवार, 2 अक्टूबर 2019

न दिल को जलाना अगर हो सके तो -बलजीत सिंह बेनाम

ग़ज़ल
न दिल को जलाना अगर हो सके तो
निग़ाहें मिलाना अगर हो सके तो

तुम्हे याद करते अगर मर भी जाऊँ
ख़बर को छुपाना अगर हो सके तो

तअल्लुक़ मिटाने से क्या फ़ायदा है
तअल्लुक़ बनाना अगर हो सके तो

जिसे है ख़ुदा पर बहुत ही अक़ीदत
उसे आज़माना अगर हो सके तो

किसी पर भी नेकी अगर तुम करो तो
न उसको जताना अगर हो सके तो

         बलजीत सिंह बेनाम
        103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी
        हाँसी(हिसार)
        मोबाईल:9996266210

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