हिंदी साहित्य वैभव

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बुधवार, 11 अप्रैल 2018

3:29 am

वह कि जिसे लिखना-कहना नामुमकिन है - आदित्य तोमर

वह कि जिसे लिखना-कहना नामुमकिन है,वही नाम होंटों पर आने लगता है.वह कि धूल बरसों से जिसे दबाए है,आँखों में तस्वीर वही छा जाती है. अभी-अभी बिजली चमकी,...
3:24 am

कटाई के ही मौसम में सदा आती रही बारिश - आदित्य तोमर

कटाई के ही मौसम में सदा आती रही बारिशवक़्त पर जलदान का न निभा पाते फ़र्ज़,आता तुम्हें कोई उपकार भी नहीं है मेघ.गरज-गरज के डराना चाहते हमेशाकैसा है हृदय...

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