सत्यदेव श्रीवास्तव
7:58 am
आक्रोश :- फख्र से उठती वर्दी का तुमने सिर गिरवाया हैं - सत्यदेव श्रीवास्तव
.#आक्रोश#
फख्र से उठती वर्दी का तुमने सिर गिरवाया हैं
वसन सिंह के लेकिन तुम पर गीदड़ का साया हैं
सिंहो की टोली में तुम श्रगाल बने बैठे थे
जो सबका हित चाहें उनका काल बने बैठे थे
अब तुमको जब सब सच्चा इंसान मानते हैं
वर्दी में छुपा हुआ तुमको भगवान मानते हैं
ऐसे समय में तुमने खुद से ही गद्दारी की हैं
लगता है तुमने जाहिल लोगो से यारी की हैं
करके गद्दारी तुम बच जाओगे ये सोचा हैं
अरे जाहिलो बतला दो खुद को कितने में बेचा हैं
बिषधर की भांति तुमने फिर से अब फुफकारा हैं
लेकिन अबकी दिल्ली में बैठा मोदी बाप तुम्हारा हैं
मांबलिचिंग का रोना रोने वाले नहीं दिखाई दिये
पुरस्कार लौटाने वाले स्वर भी नहीं सुनाई दिये
देश फसा संकट में तुमने ये कैसा शोर मचा ड़ाला
सर्वस्व त्यागने वाले को तुमने चोर बता ड़ाला
शासन प्रशासन क्यो ये सभी विवेक खो बैठे
जिनको था रक्षक समझा वो ही भक्षक बन बैठे
वीर शिवा की धरती पर कैसा कृत्य रचाया हैं
देख तुम्हारी कायरता को बैरी मन में हर्षाया हैं
नही अगर सुधरे तो एक-एक कर छांटे जाओगे
राष्ट्रद्रोहियो सुन लो बुरी तरह तुम काटे जाओगे
सत्यदेव श्रीवास्तव
बदायूँँ
8630446679..8923088669