हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

चौपाई लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
चौपाई लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 8 अप्रैल 2020

12:06 am

हम चलि आये द्वार तुम्हार ~ दिलीप कुमार पाठक

चौपई छंद 🌹
विधान - चार चरण, प्रत्येक में १५ मात्राएं।
अंत गुरू एवं लघु।
दो दो चरण  समतुकांत।
😀🙏🏻😀🙏🏻😀
हम चलि आये द्वार तुम्हार|
खट खट करना कितनी बार||
ड्यूढ़ी पर चढ़ आयी साँझ|
कुण्डी खोलौ नैना आँझ||
नैना जाने क्यों लजियात|
अधरा बदरा से गरमात||
छूनी प्रेमभरी बरसात|
पुलकित होते मेरे गात||
होती जाने किससे बात|
सजते सजते हैं बतियात||
कुण्डी खोलत हैं सकुचात|
बीती जाती सारी रात||

©दिलीप कुमार पाठक 
12:01 am

चौपाई ; ~ गयी बीत रतिया अँधियारी ~ दिलीप कुमार पाठक

गयी बीत रतिया अँधियारी|
भोर काल की है उजियारी|
सूरज अँखियाँ खोल रहा है|
मंद पवन भी डोल रहा है||
जागो-जागो खगकुल बोला|
मीठा-मीठा रस है घोला|
पूजा वंदन स्वागत गाना|
ईश चरण में शीश झुकाना|
रोग दोष भय शोक नशाये|
ईश वंदना जो कोई गाये||
सारे जग में है अति प्यारी
प्रभु की लीला सबसे न्यारी||


दिलीप कुमार पाठक सरस


चौपाई
गयी बीत रतिया अँधियारी|
भोर काल की है उजियारी|
सूरज अँखियाँ खोल रहा है|
मंद पवन भी डोल रहा है||
जागो-जागो खगकुल बोला|
मीठा-मीठा रस है घोला|
पूजा वंदन स्वागत गाना|
ईश चरण में शीश झुकाना|
रोग दोष भय शोक नशाये|
ईश वंदना जो कोई गाये||
सारे जग में है अति प्यारी
प्रभु की लीला सबसे न्यारी||

दिलीप कुमार पाठक सरस

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.