हिंदी साहित्य वैभव

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शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

2:49 am

कविता

यारो अपनी फिजा खुद बनानी पड़ती है -ओला गिरे या आग बरसे फसल उगानी पड़ती है ।यारो अपनी फिजा खुद बनानी पड़ती है ।।जिंदगी भर आते है कई मोड़ जिंदगी में ।हर...

मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

10:05 pm

जीतेन्द्र कानपुरी की कविता - भारतीय पुलिस .....

भारतीय पुलिस के उत्साह के लिए मेरी पंक्तियां - हमको है रातों में ,दम से सोने की बीमारी ।जाग रही है मगर देश में, पुलिस हमारी ।।तब काहे की चिंता, जय...
9:46 pm

कवि जीतेन्द्र कानपुरी की कविता -

देखो जहां मै रहता हूं खुशहाली ही खुशहाली है -उन गलियों को छोड़ दियाजिन पर दुष्ट रहा करते थे ।जिनको ज्ञान नहीं था बिल्कुललड़ाई ही लड़ा करते थे ।।बे मतलब...
9:37 pm

कवि जीतेन्द्र कानपुरी की कविता -

हर समय इंसानों का घमंड नहीं रहता -चाहे जितना हो बलवानवो बलवंत नहीं रहता ।हर समय इंसानों का घमंड नहीं रहता ।।करले मन की मर्जीजितने दिन कर पाए तू ।कुछ...
9:28 pm

जीतेन्द्र कानपुरी कविता - सफलता के सूत्र

सफलता का सूत्र -आगे बढ़ने वालोतुम इतना जोश भर लो ।कि सामने वालों कोसबको खामोश कर दो ।।यही एक उपाय हैजो तुम्हे बदल देगा ।तुम्हारा जोश हीतुम्हारी कहानी...
9:22 pm

जीतेन्द्र कानपुरी कविता

 शीर्षक - बदलाव चलो उठो न , अब कैसी मज़बूरी है ??बदलाव के लिए बदलना बहुत जरूरी है ।उम्र कितनी भी हो खुद को बूढ़ा मत समझो ।राह बदलो ,राह बदलनी...

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