कविता
POEM
खुशी
KHUSHI
मेरी ज़िंदगी में खुशी बहुत कम है,
जो खुशी उसमे खुश बहुत हम है,
मेरी गम भी बहुत बेरहम है
खुशी के सामने दिखाती बहुत दम है।
मेरी ज़िन्दगी में ख़ुशी बहुत कम है,
जो खुशी है उसमे खुश बहुत हम है।
हार जाती है मेरी गम,
मेरी खुशी में हैं इतनी दम,
किसी की खुशी की मोहताज नहीं हम,
जो खुशी है उसमे खुश रहते हैं हरदम।
मेरी ज़िन्दगी में खुशी बहुत कम है,
जो खुशी है उसमे खुश बहुत हम है।
नहीं रहते उदास कभी हम,
खुशी के सामने हार गई गम,
खुद से उम्मीद रखते हैं हम,
दूसरों से उम्मीद रखते हैं कम,
मेरी ज़िंदगी में खुशी बहुत कम है,
जो खुशी है उसमे खुश बहुत हम है।।
लेखक
डॉ. रवि कुमार रंजन
DR.RAVI KUMAR RANJAN
बेलसंड
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