अफसोस है कि इतनी सफाई के बाद भी
कुछ दाग़ रह गए है धुलाई के बाद भी
दुनिया तिरी लिखाई समझ मे न आ सकी
अनपढ़ रहे हम इतनी पढ़ाई के बाद भी
डाली थी तुमने पाओ में जंजीर जिस जगह
बैठे है हम वहीं पे रिहाई के बाद भी
ये हौसला भी इश्क़ ने हमको अता किया
ज़िन्दा है देख तेरी जुदाई के बाद भी
सहरा तिरा मिज़ाज समझना है इसलिए
हम चल रहे है आबला पाई के बाद भी
दिल को जकड़ के बैठा है ये कोन सा मलाल
हम खुश नही है तेरी बधाई के बाद भी
वसीम नादिर
बदायूँ
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