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शनिवार, 14 अक्टूबर 2017

गजल

आपको जबसे दिल में बसाने लगे ।
फिर नये गीत हम गुनगुनाने लगे ।।

चाँद उतरा बिखरने लगी चाँदनी ।
प्यार तुमसे हुआ वो बताने लगे ।।

कर दिया आपके इश्क ने फिर नशा ।
बिन पिये आज हम लडखडाने लगे ।।
   
जुस्तजू थी मुझे वो अचानक मिले ।
दोस्त हमको गले से लगाने लगे ।।

टूट कर जब बिखरने लगी जिंदगी ।
लोग क्या खूब हमको गिराने लगे ।।

जिंदगी ख्वाब अहसास ए आरजू ।
ये वफा, तुमसे यूँ हम निभाने लगे ।।

©विकास भारद्वाज "सुदीप"
16 अक्टूबर 2017

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