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सोमवार, 5 जून 2017

विषय- पर्यावरण संतुलित कैसे हो ?

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पर्यावरण का तात्पर्य है सभी प्राकृतिक हमारा परिवेश जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधें, पशु, ठोस सामग्री, कचरा, धूप, जंगल और अन्य वस्तु।
स्वच्छ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है । और साथ ही साथ पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को बढ़ने, और प्राणीयों को विकसित करने में मदद करता है। हालांकि अब कुछ तकनीकी उन्नति के परिणाम में मानव द्वारा निर्मित चीजे वातावरण को कई प्रकार से विनाश कर रहीं हैं जो कि प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रही है।
जैसे गंगा मे कचरा हो जाने से जल दूषित हो रहा है हम अपने जीवन को साथ ही साथ इस ग्रह पर भविष्य में जीवन के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं| पेडों का कटान अंधाधुंध तरीके से चल रहा है पेड पौधो का रोपण कम हो रहा है
फैक्टीयों से निकलने वाला कचरा नाले द्वारा नदी में छोडने से तमाम रोग फैल रहे है । पेड पौधे सूख कर खत्म हो रहे है वाहनों द्वारा निकलने वाला धुआँ प्रदूषण हो रहा है
इसके लिए गैस से संचालित वाहन चलाने चाहिए
एवं प्रदूषण जाँच केन्द्र पर जाकर जाँच करानी चाहिए

संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा विश्व स्तर पर  पर्यावरण संतुलन करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए जिससे आगे चलकर मनुष्य को परेशानी का कारण न बनें
यदि हम प्रकृति से छेडछाड गलत तरीके से कुछ भी करते हैं तो ये पूरे वातावरण के माहौल जैसे की वायु-मंडल, जलमंडल और स्थलमंडल  को विनाश की ओर ले चलते है। प्राकृतिक वातावरण के अलावा, मानव द्वारा निर्मित वातावरण भी मौजूद है जो की प्रौद्योगिकी, काम के माहौल, सौंदर्यशास्त्र, परिवहन, आवास, सुविधाएं और शहरीकरण के साथ सम्बंधित है| मानव निर्मित वातावरण काफी हद तक प्राकृतिक वातावरण को प्रभावित करता है जिसे हम सभी एकजुट होकर बचा सकते हैं ।

प्राकृतिक वातावरण के घटक संसाधन के रूप में उपयोग किया जाता है जीवन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इंसान द्वारा इसका शोषण किया जा रहा है। हमें हमारे प्राकृतिक संसाधनों को चुनौती नहीं देनी चाहिए और पर्यावरण में इतना प्रदूषण या अपशिष्ट पदार्थ डालने में रोक लगानी चाहिए। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों को महत्व देना चाहिए और प्राकृतिक अनुशासन के तहत उन्हें इस्तेमाल करना चाहिए।
लोगों को अधिक से अधिक प्रेरित करना चाहिए कि गंदगी करने से बीमारीयाँ फैलती है इसलिए अपने आस पास के परिवेश को स्वच्छ रखें और *स्वच्छ भारत निर्मल भारत*   अभियान में योगदान दें

*✍विकास भारद्वाज "सुदीप"*
*5 मई 2017*

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