सजल
4:30 am
सजल :- सुनो प्यारे जहाँ माँ बाप है कैसा वहाँ डर है - रेनू सिहं
सुनो प्यारे जहाँ माँ बाप है कैसा वहाँ डर है।
हमेशा साथ चलते हैं न दिन देखा न दुपहर है।।
चढ़ा है शौक सत्ता का जिसे वो मद में डूबा क्यों,
अकड़कर यूँ चले जैसे बचा वो एक नाहर है।
दीवानी राधिका यूँ ही नहीं है मेरे कान्हा की,
चुराता है दिलों को सबके इसका रूप मनहर है।
निभाई रस्म दुनिया की तुझे ससुराल जो भेजा,
छुपाकर दर्द घुटती क्यों कभी मत भूल पीहर है।
तुम्हें भगवान माना है सदा तुमको पूजा है,
चली है उन मुकामों पर कि जिनकी राह जौहर है।
रेनू सिंह
टूण्डला (यूपी)
हमेशा साथ चलते हैं न दिन देखा न दुपहर है।।
चढ़ा है शौक सत्ता का जिसे वो मद में डूबा क्यों,
अकड़कर यूँ चले जैसे बचा वो एक नाहर है।
दीवानी राधिका यूँ ही नहीं है मेरे कान्हा की,
चुराता है दिलों को सबके इसका रूप मनहर है।
निभाई रस्म दुनिया की तुझे ससुराल जो भेजा,
छुपाकर दर्द घुटती क्यों कभी मत भूल पीहर है।
तुम्हें भगवान माना है सदा तुमको पूजा है,
चली है उन मुकामों पर कि जिनकी राह जौहर है।
रेनू सिंह
टूण्डला (यूपी)