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बुधवार, 26 जुलाई 2017

4:53 am

हरियाली तीज

हरियाली तीज दोहे-

घर में नव व्यंजन बनें, खाना लगे लजीज ।
सावन आये बरसता, तब हरियाली तीज।।

हाथों में रच मेंहदी, सखियाँ गाये गीत ।
सबके सजन घर आये, तुम भी आना मीत ।।

खनकती नयी चूड़ियाँ, मेंहदी रची हाथ
करें संगिनी कामना, साजन रहना साथ ||

विकास भारद्वाज "सुदीप"
26 जुलाई 2017

शनिवार, 22 जुलाई 2017

4:17 am

बस एक ख्याल तुम्हारा

ये ख्याल भी न जाने कैसा ख्याल है
खोया रहता हूँ तुम्हारे ख्यालों में,
तेरी चाहत जो अक्सर खींच लेती है
मुझको तेरी ओर।
डूबा सा जाता हूँ तुझमें इस कदर,
कि ख्याल ही नहीं रहता कि क्या हो रहा मुझको।
कह दो इन ख्यालों से कि यूँ न सताए मुझे,
अच्छा लगता है, बस एक ख्याल तुम्हारा
ये सुबह ,सर्द हवा और ये सुहाना मौसम
याद दिलाते हैं वो लम्हें
अक्सर उन लम्हों की यादों में
मायूस होने लगता हूँ
फिर??
अच्छा लगता है
बस एक ख्याल तुम्हारा
क्या है वो ख्याल ?
वो ख्याल कुछ ऐसा है,
तुमको सोचना, बीते लम्हे याद करना
जहाँ हर दर्द खूबसूरत लगता है ।
वो ख्याल इन सर्द हवाओं में कुछ यूँ आता है
और लबों मे मुस्कान ला देता है
एक अजीब सी बात है तुझमें,
जो हमेशा से पास बुलाती तुझको,
मेरे सपनों में।
चाहने लगा हूँ इस कदर तुझको,
समझ ही नहीं आता मुझे खयाल कोई और।
कि मिलोगी तुम मुझे कहीं इन ख्यालों के किसी अनजानें मोड़ पर।।
कभी भूल न जाना मुझको सनम
मेरे ख्यालों में सिर्फ तुम हो.......सिर्फ तुम हो

✍विकास भारद्वाज 'सुदीप'
22 जुलाई 2017

गुरुवार, 20 जुलाई 2017

8:34 am

रिश्तों की संजीवनी में बुजुर्गो की भूमिका

रिश्तों की संजीवनी में बुजुर्गो की भूमिका

रिश्तों की संजीवनी बूटी बन जाते है, हमारे
घर के बुजुर्ग
कांपता हाथ सिर पर रखते ही, रास्तों के पत्थर हटा देते हैं, घर के बुजुर्ग।
हमेशा बुजुर्गों की छत्रछाया में ही महफूज
रहते है हम सब
देकर मशविरा तहजीब का, एक तजुर्बा बन जाते हैं, घर के बुजुर्ग ।।

हमारा हौसला, हमारी ख्वाहिश, ताकत बढाते हैं, घर के बुजुर्ग
अपने खून पसीने रूपी खाद से सींच कर पल्लवित करते है, घर के बुजुर्ग
गलत व्यवहार से उनके आत्म-सम्मान को ठेस ना देना कभी तुम
कभी होते हम उलझन में, तब प्यार से समझाते है घर के बुजुर्ग ।।

विकास भारद्वाज 'सुदीप'
20 जुलाई 2017

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