हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

मंगलवार, 20 दिसंबर 2016

6:22 am

उसकी जुल्फो में एक शाम

जब मेरे खत पढ किताब मे रख कुछ होंटो पर गुनगुना रही थी, सोचकर रातों को यादो मे सुन्दर सपने सजा रही थी ।छत पर बैठी मेरा ज़िक्र कर,मुस्कुरा रही थीये...

गुरुवार, 15 सितंबर 2016

6:25 am

एक पल का उसका दीदार-ए-हसरत

मुझे खिडकी से देखने का इंतजार कर रही थी, यूँ इशारो मे वो दीवारो से बात कर रही थी ।कभी मेरी यादों के ख्यालों में खोने लगी,कभी मेरी फोटो को छुपके से...

गुरुवार, 28 जुलाई 2016

7:20 am

माता-पिता ही मेरे फरिश्ते

सबक जिंदगी के पल पल सीख रहा हूँ,माँ मै मंजिल-ए-तमन्नाओ के साथ बड रहा हूँ जिंदगी के जिन रास्ते पर तलवे मेरे छिल रहे है,कभी उसी रास्ते पर पिताजी...

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.