हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

शनिवार, 25 नवंबर 2017

5:59 am

कविता- तुम्हारा क्रंदन, तुम्हारा बलिदान

26/11/2008 के मुंबई हमले की आज 9 वीं बरसी है वीर जवानो की शहादत को मेरा सलाम, भावपूर्ण श्रद्धांजलि इस हमले में कई लोगों की जान गई थी

काले लिवासधारी मौत का सामान लाये हैं ।
हर तरफ धमाके और संगीनों के साये हैं ।।
शहर में अब बढती वारदातो से लगता हैं ।
छुपकर सीमा से कुछ आतंकवादी आये हैं ।।

मजहवी कट्टरपंथी ने फैला दी नफरत की दीवारें ।
इस जंग में लड़ते भारत माँ के जवान शहीद हुये ।।        आतंकवाद के खिलाफ शहादत को वीर जवानों ।
तुम्हारा क्रंदन, तुम्हारा बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा ।।            

मासूम बच्चों के शव, बेबस हाथों में उठाये थे ।
गद्दारों ने इस कदर दुखों के बादल गिराये थे ।।
जालिमो ने बेगुनाहों पर ऐसे चलाई गोलीयाँ ।
खुशहाल परिवारों को खून के आँसू रूलाये थे ।।

हो गये लाचार और अनाथ न जाने कितने ।
जालिमों तुमको जरा भी दया न आयी थी ।।
इन मुश्किल हालात में मुँहतोड़ जवाब देने की ।
जिम्मेदारी एनएसजी कंमाडों ने पायी थी ।।
     
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
   25 नवम्बर 2017

शनिवार, 11 नवंबर 2017

6:15 pm

तेरा दिल बेक़रार अच्छा था

तेरा दिल बेक़रार अच्छा था ।
मेरा भी इंतजार अच्छा था ।।       

ये सनम दिल मेरा जलाने का.. ।
वो तुम्हारा अंदाज अच्छा था ।।

बेचैनी दिल की बढती ही जाये... ।
पहले दिल का करार अच्छा था ।।

उसका भी खूब दबदबा होगा... ।
वो शायद जानकार अच्छा था ।।

साँस दे कर्ज कर दिया चुकता ।
वो हमारा कर्जदार अच्छा था ।।

दर्द ए दिल की तुम दवा करते...।
वो तुम्हारा रोजगार अच्छा था ।।

लोग करते हैं' बात मय्यत पर ....।
आदमी दिल का यार अच्छा था ।।

हर दवा बेअसर हैं जख्म़ो पर ।
बेवफा तेरा वार अच्छा था..।।

देखते अब सुदीप राहों में ......।
उसका भी ऐतबार अच्छा था ।।    

©विकास भारद्वाज "सुदीप"
    10 नवम्बर 2017

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.