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रविवार, 15 जनवरी 2017

6:12 am

♡ अदभुत एहसासों के मोती ♡

जो बिखरे तो फ़िर मुद्दतों बिखरे ही रहे हम,
माला के वो अदभुत मोती,मिले ही नही हमें  ।
दिल की हकीकत के मोतीयों से बने हुए है हम, 
उसके रूखसार पे तिल देख फिदा हुए है हम।।
उसकी कातिल नजरों से घायल होने लगे हम,
चाँद से चेहरे से महफिल में गजब नूर ढहा रहे है ।
रातों में ख्वाबों की दुनिया में हक़ीक़त सी निराली है,
सुना है प्यार की वो खूश्बू अजब सी नियारी  है ।।
मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में अब रोया करेंगे हम ।
आँखो में आंसू छलक सतायेंगे रात भर,
एहसासों के मोती पलक पे पिरोया करेंगे हम ।।
अर्णव=दरिया
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
9627193400                  14/01/2017

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