सुदीप "नज्म-संग्रह"
6:25 am
एक पल का उसका दीदार-ए-हसरत
मुझे खिडकी से देखने का इंतजार कर रही थी,
यूँ इशारो मे वो दीवारो से बात कर रही थी ।कभी मेरी यादों के ख्यालों में खोने लगी,कभी मेरी फोटो को छुपके से...
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