सुदीप कविता सरोवर
7:20 am
माता-पिता ही मेरे फरिश्ते
सबक जिंदगी के पल पल सीख रहा हूँ,माँ मै मंजिल-ए-तमन्नाओ के साथ बड रहा हूँ
जिंदगी के जिन रास्ते पर तलवे मेरे छिल रहे है,कभी उसी रास्ते पर पिताजी...
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